भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

जो लिखूंगा मैं कविता-2 / राजेन्द्र जोशी

Kavita Kosh से
Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:31, 21 मई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राजेन्द्र जोशी |संग्रह=मौन से बतक...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

लिखना चाहता हूँ मैं
एक कविता
घने अंधकार में

कविता से
निकलती रोशनी
उसकी मृत्यु की घोषणा करती
लिखी जाएगी

कविता का उजला प्रकाश
अंधकार के पतन की घोषणा
स्थिर हो जाएगा प्रकाश
एक कविता से

जलती रहेगी लौ
जो लिखूंगा मैं कविता
घने अंधकार में।