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प्रिय गान नहीं गा सका तो / त्रिलोचन

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यदि मैं तुम्हारे प्रिय गान नहीं गा सका तो

मुझे तुम एक दिन छोड़ चले जाओगे


एक बात जानता हूँ मैं कि तुम आदमी हो

जैसे हूँ मैं जो कुछ हूँ तुम वैसे वही हो

अन्तर है तो भी बड़ी एकता है

मन यह वह दोनों देखता है

भूख प्यास से जो कभी कही कष्ट पाओगे

तो अपने से आदमी को ढूंढ़ सुना आओगे

प्यार का प्रवाह जब किसी दिन आता है

आदमी समूह में अकेला अकुलाता है

किसी को रहस्य सौंप देता है

उसका रहस्य आप लेता है

ऎसे क्षण प्यार की ही चर्चा करोगे और

अर्चा करोगे और सुनोगे सुनाओगे


विघ्न से विरोध से कदापि नहीं भागोगे

विजय के लिए सुख-सेज तुम त्यागोगे

क्योंकि नाड़ियों में वही रक्त है

जो सदैव जीवनानुरक्त है

तुमको जिजीविषा उठाएगी, चलाएगी,

बढ़ाएगी उसी का गुन गाओगे, गवाओगे