Last modified on 12 दिसम्बर 2007, at 03:30

तुम्हें जब मैंने देखा / त्रिलोचन

Pratishtha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 03:30, 12 दिसम्बर 2007 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=त्रिलोचन |संग्रह=तुम्हे सौंपता हूँ / त्रिलोचन }} पहले प...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

पहले पहल तुम्हें जब मैंने देखा
सोचा था
इससे पहले ही
सबसे पहले
क्यों न तुम्हीं को देखा

अब तक
दृष्टि खोजती क्या थी
कौन रूप क्या रंग
देखने को उड़ती थी
ज्योति‍-पंख पर
तुम्ही बताओ
मेरे सुन्दर
अहे चराचर सुन्दर की सीमा रेखा