भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
सच की किताब / पुष्पिता
Kavita Kosh से
Gayatri Gupta (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:35, 27 मई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=पुष्पिता |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKavita...' के साथ नया पन्ना बनाया)
किताबों में
होते हैं शब्द
और शब्दों के पहाड़
प्रवाहित होता है
नदियों-सा अर्थ
जीवन के प्रश्नों की
तृप्ति के लिए।
किताबों में है विश्व
और विश्व के बाहर का
चमकता ब्रह्माण्ड।
किताबों में हैं
कहानियाँ
और कहानियों में हैं
आदमी के किताब
हो जाने का इतिहास।