भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
फ़िल्मों के लिए लिखे गीत-1 / शैलेन्द्र
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:34, 20 दिसम्बर 2007 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शैलेन्द्र }} {{KKPustak |चित्र=-- |नाम=फ़िल्मों के लिए लिखे गीत-1 ...)
फ़िल्मों के लिए लिखे गीत-1
रचनाकार | शैलेन्द्र |
---|---|
प्रकाशक | |
वर्ष | |
भाषा | हिन्दी |
विषय | गीत-संग्रह |
विधा | |
पृष्ठ | 72 |
ISBN | |
विविध | कुल 60 गीतों का संग्रह |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- आवारा हूँ /शैलेन्द्र
- ऎ मेरे दिल कहीं और चल /शैलेन्द्र
- मिट्टी से खेलते हो बार-बार किस लिए /शैलेन्द्र
- तू प्यार का सागर है /शैलेन्द्र
- मेरा जूता है जापानी /शैलेन्द्र
- दिल का हाल सुने दिलवाला /शैलेन्द्र
- सुर न सजे क्या गाऊँ मैं /शैलेन्द्र
- मुन्ना बड़ा प्यारा अम्मी का दुलारा /शैलेन्द्र
- आ जा रे परदेसी /शैलेन्द्र
- किसी की मुस्करहाटों पे हो निसार /शैलेन्द्र
- सूरज ज़रा आ पास आ /शैलेन्द्र
- होठों पे सच्चाई रहती है /शैलेन्द्र
- कैसे मनाऊँ पिउवा, गुन एकउ मेरे नाहीं /शैलेन्द्र
- झूमती चली हवा याद आ गया कोई /शैलेन्द्र
- बहुत दिया देने वाले ने तुझको /शैलेन्द्र
- अब के बरस भेज भईया को बाबुल /शैलेन्द्र
- पूछो न कैसे मैंने रैन बिताई /शैलेन्द्र
- कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन /शैलेन्द्र
- वहाँ कौन है तेरा, मुसाफ़िर, जाएगा कहाँ /शैलेन्द्र
- सजनवा बैरी हो गए हमार /शैलेन्द्र
- नन्हें मुन्ने बच्चे तेरी मुट्ठी में क्या है /शैलेन्द्र
- हमसे मिले तुम सजन, तुमसे मिले हम /शैलेन्द्र
- मुझको यह ज़हर न चाहिए /शैलेन्द्र
- घर आया मेरा परदेसी /शैलेन्द्र
- एक,दो,तीन,आजा मौसम है रंगीन /शैलेन्द्र
- अनमोल प्यार बिन मोल बिके दुनिया के बाज़ार में /शैलेन्द्र
- तूने हाय मेरे जख़्म-ए-जिगर को छू लिया /शैलेन्द्र
- रोऊँ मैं सागर के किनारे /शैलेन्द्र
- प्रीत ये कैसी बोल री दुनिया /शैलेन्द्र
- कारे बदरा तू न जा /शैलेन्द्र
- हैं सबसे मधुर वे गीत जिन्हें /शैलेन्द्र
- राजा की आएगी बारात /शैलेन्द्र
- ये शाम की तनहाइयाँ, ऎसे में तेरा ग़म /शैलेन्द्र
- ठहर ज़रा ओ जाने वाले /शैलेन्द्र
- तुम्हारे हैं तुमसे दया मांगते हैं /शैलेन्द्र
- लपक-झपक तू आ रे बदरवा /शैलेन्द्र
- नैन से नैन हुए चार /शैलेन्द्र
- रुलाकर चल दिए एक दिन /शैलेन्द्र
- ये दुनिया बनाई किस बेरहम ने /शैलेन्द्र
- पतिव्रता सीतामाई को दिया तूने बनवास /शैलेन्द्र
- मुड़-मुड़ के न देख मुड़-मुड़ के /शैलेन्द्र
- प्यार हुआ इकरार हुआ है /शैलेन्द्र
- रमय्या वस्तावय्या, मैंने दिल तुझको दिया /शैलेन्द्र
- ये रात भीगी-भीगी, ये मस्त फ़िजाएँ /शैलेन्द्र
- याद किया दिल ने कहाँ हो तुम /शैलेन्द्र
- मन भावन के घर जाए गोरी /शैलेन्द्र
- मैं गाऊँ, तुम सो जाओ /शैलेन्द्र
- कहाँ जा रहा है तू ऎ जाने वाले /शैलेन्द्र
- मेरे तुम्हारे बीच में अब तो न पर्वत न सागर /शैलेन्द्र
- अजब है दास्ताँ तेरी ऎ ज़िन्दगी /शैलेन्द्र
- मुझे तुमसे कुछ भी न चाहिए /शैलेन्द्र
- रुक जा ओ जाने वाली रुक जा /शैलेन्द्र
- नी बलिए रुत है बहार की /शैलेन्द्र
- सब कुछ सीखा हमने न सीखी होशियारी /शैलेन्द्र
- तेरा जाना दिल के अरमानों का लुट जाना /शैलेन्द्र
- भैया मेरे, राखी के बंधन को निभाना /शैलेन्द्र
- मैं रिक्शावाला /शैलेन्द्र
- दिल अपना और प्रीत पराई /शैलेन्द्र
- मतवाली नार ठुमक-ठुमक चली जाए /शैलेन्द्र
- मेरा नाम राजू घराना अनाम /शैलेन्द्र
- प्यार कर ले नई तो फाँसी चढ़ जाएगा /शैलेन्द्र
- बेगानी शादी में अबदुल्ला दीवाना /शैलेन्द्र