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फ़िल्मों के लिए लिखे गीत-3 / शैलेन्द्र
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Bold text
फ़िल्मों के लिए लिखे गीत-3
रचनाकार | शैलेन्द्र |
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प्रकाशक | |
वर्ष | |
भाषा | हिन्दी |
विषय | गीत-संग्रह |
विधा | |
पृष्ठ | 72 |
ISBN | |
विविध | कुल 60 गीतों का संग्रह |
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।
- हमसे न पूछो प्यार क्या है /शैलेन्द्र
- मन रे तू ही बता क्या गाऊँ /शैलेन्द्र
- हमें भी दे दो सहारा कि बेसहारे हैं /शैलेन्द्र
- भय भंजना /शैलेन्द्र
- आज कल में ढल गया दिन हुआ तमाम /शैलेन्द्र
- आ जा आई बहार दिल है बेकरार /शैलेन्द्र
- ऎ आस्माँ के राही तू ही गवाह रहना /शैलेन्द्र
- पर्दे में रहने दो पर्दा न उठाओ /शैलेन्द्र
- दो क़दम तुम भी चलो दो क़दम हम भी चलें /शैलेन्द्र
- मैं राही भटकने वाला हूँ कोई क्या जाने मतवाला हूँ /शैलेन्द्र
- न जाने तुम कौन मेरी आँखों में समा गए /शैलेन्द्र
- सता ले ऎ जहाँ, न खोलेंगे जुबाँ /शैलेन्द्र
- बेरहम मार न डाले मुझ को तेरा ग़म /शैलेन्द्र
- दो दिन की ज़िन्दगी के मुखड़े हैं बेशुमार /शैलेन्द्र
- सवेरे वाली गाड़ी से चले जाएंगे /शैलेन्द्र
- सुनो जी सुनो, हमारी भी सुनो /शैलेन्द्र
- जूही की कली मेरी लाडली /शैलेन्द्र
- तितली उड़ी, उड़ जो चली /शैलेन्द्र
- मत रो माता, लाल तेरे बहुतेरे /शैलेन्द्र
- ओ जाने वाले हो सके तो लौट के आना /शैलेन्द्र
- ओ रे मांझी, मेरे साजन हैं उस पार /शैलेन्द्र
- जोगी, जबसे तू आया मेरे द्वारे /शैलेन्द्र
- नाचे मन मोरा मगन, तिक दा धीगी-धीगी /शैलेन्द्र
- तेरे बिन सूने नयन हमारे /शैलेन्द्र
- आज फिर जीने की तमन्ना है /शैलेन्द्र
- दिन ढल जाए, हाय! रात न जाए /शैलेन्द्र
- गाता रहे मेर दिल,तू ही मेरी मंज़िल /शैलेन्द्र
- तेरे मेरे सपने सब एक ही रंग हैं /शैलेन्द्र
- क्या से क्या हो गया, बेवफ़ा तेरे प्यार में /शैलेन्द्र
- पिया तो से नैना लागे रे /शैलेन्द्र
- सूरज के जैसी गोलाई, चंदा सी ठंडक पाई /शैलेन्द्र
- सच हुए सपने तेरे, झूम ले ओ मन मेरे /शैलेन्द्र
- खोया-खोया चांद, खुला आसमान /शैलेन्द्र
- अपनी तो हर आह एक तूफ़ान है /शैलेन्द्र
- रुला के गया सपना मेरा /शैलेन्द्र
- हम-तुम जिसे कहते हैं शादी /शैलेन्द्र
- चांद-सा मुखड़ा क्यों शरमाया /शैलेन्द्र
- तुम हमें प्यार करो या न करो /शैलेन्द्र
- जाने न हाय ये दुनिया, जाने न दिल की लगी /शैलेन्द्र
- सुहाना सफ़र और यह मौसम हसीं /शैलेन्द्र
- जंगल में मोर नाचा किसने देखा /शैलेन्द्र
- जुल्मी संग आँख लड़ी /शैलेन्द्र
- दिल तड़प-तड़प के कह रहा है आ भी जा /शैलेन्द्र
- घड़ी-घड़ी मेरा दिल धड़के /शैलेन्द्र
- दैया रे दैया रे चढ़ गयो पापी बिछुआ /शैलेन्द्र
- धरती कहे पुकार के बीज बिछा दे प्यार के /शैलेन्द्र
- ओ सजना, बरखा बहार आई, रस की फुहार लाई /शैलेन्द्र
- क्या हवा चली, ओ बाबा! रुत बदली /शैलेन्द्र
- छोटा-सा घर होगा बादलों की छाँव में /शैलेन्द्र
- जा तो से नाहीं बोलूँ रे कन्हैया /शैलेन्द्र
- झिर-झिर-झिर-झिर बरसे ओ बदरवा कारे /शैलेन्द्र
- ज़िन्दगी ख़वाब है, ख़्वाब में झूठ क्या /शैलेन्द्र
- जागो मोहन प्यारे /शैलेन्द्र
- रात ने क्या-क्या ख़्वाब दिखाए /शैलेन्द्र
- टूटे हुए ख़्वाबों ने हमको ये सिखाया है /शैलेन्द्र
- आहा,रिमझिम के ये प्यारे-प्यारे गीत लिए /शैलेन्द्र
- डोल गई धरती की काया, डोल गया आकाश/ सुनो सीता की कहानी /शैलेन्द्र
- झूम रे नीला अंबर झूम रे, धरती को चूम रे /शैलेन्द्र
- गोरी बाबुल का घर है अब बिदेसवा /शैलेन्द्र