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राखी का त्यौहार / प्रभुदयाल श्रीवास्तव
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राखियों से गुलजार बजार,
आ गया राखी का त्यौहार|
मिठाई सजी दुकानों में
शॊरगुल गूंजे कानों में
रेशमी धागों की भरमार
राखियों के ढेरों अंबार
कहीं पर बेसन की बरफी
कहीं पर काजू की कतली
कहीं पर रसगुल्लॆ झक झक
कहीं पर लड्डू हुये शुमार|
आ गया राखी का त्यौहार|
कमलिया राखी लाई है
थाल में रखी मिठाई है
साथ में कुमकुम नारियल है
खुशी का पावन हर पल है,
बहन ने रेशम का धागा
भाई के हाथों में बांधा
भाई की आँखों में श्रद्धा
बहन की आँखों मे है प्यार|
आ गया राखी का त्यौहार|
बहन भाई का पावन पर्व,
रहा सदियों से इस पर गर्व
जरा सा रेशम का धागा
बनाता फौलादी नाता
बहन की रक्षा करना धर्म
भाइयों ने समझा यह मर्म
बहुत स्नेहिल पावन है
भाई बहनों का यह संसार|
आ गया राखी का त्यौहार