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एक राजा के सात रानी, सातो रानी बांझिन हे / मैथिली लोकगीत

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मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

एक राजा के सात रानी, सातो रानी बांझिन हे
ललना रे, राजा के ने लिखल अछि पुत्र, पत्र कोना होयत हे
जाहो राजा तों विष्णु ओतऽ, आओर सूर्य ओतऽ हे
राजा हे, ब्रह्मा कहब बुझाय, पुत्र फल होयत हे
राजा के देखैते ब्रह्मा आयल, मने मन सोचल हे
राजा हे तोरो ने लिखल पुत्र, पुत्र कोना होयत हे
जाहो बालक राजा कोखि, आओर रानी कोखि हे
बालक हे भरिये सोइरी रहिहह, फेर चलि आयब हे
हम नहि जायब ब्रह्मा, राजा कोखि आओर रानी काखि हे
सोइरी बैसल अम्मा रोयत, कोना चलि आयब हे
जाहो बालक राजा कोखि, आओर रानी कोखि हे
बालक हे भरिये मूड़न रहिह, तखन चलि आयब हे
हम नहि जायब राजा कोखि, आओर रानी कोखि हे
ब्रह्मा हे केश नेने दाइ रोयत, कोना चलि आयब हे
जाहो बालक तोहें राजा कोखि, आओर रानी कोखि हे
बालक हे भरि उपनयन रहिह, तखन चलि आयब हे
हम नहि जायब राजा कोखि, आओर रानी कोखि हे
ब्रह्मा हे मड़बा बैसल बाबा रोयत, कोना चलि आयब हे
जाहो बालक तोहें राजा कोखि, आओर रानी कोखि हे
बालक हे बियाह कराय चलि अबिहह
हम नहि जायब राजा कोखि, आओर रानी कोखि
ब्रह्मा हे कोबरा बैसल धनी रोयत, कोना चलि आयब हे
जाहो बालक राजा कोखि, आओर रानी कोखि हे
बालक हे गौना कराय चलि अबिहह
हम ने जायब राजा कोखि, आओर रानी कोखि हे,
ब्रह्मा के माय बाप के करबै उद्धार, तखन चलि आयब हे