भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

पिया तोरा गोर लागी, ननदी मंगा दे / मैथिली लोकगीत

Kavita Kosh से
Mani Gupta (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:14, 30 जून 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=मैथिली |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह= संस...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

पिया तोरा गोरे लागी, ननदी मंगा दे
राजा तोरा गोर लागी, ननदी मंगा दे
जखन रे ननदी गाम बीच आयलि
ननदीक कानब बड़ा नीक लागे, पिया ....
जखन रे ननदी दरबजबा बिच आयलि
चङेरा महक पूरी बड़ा नीक लागे, पिया ....
जखन रे ननदी आंगन बिच आयलि
छांछ महक दही बड़ा नीक लागे, पिया ....
जखन रे ननदी सोइरी बिच आयलि
सुठौरा के खाइते बड़ा नीक लागे, पिया ....
जखन रे ननदी दान मांगऽ लागलि
देतो जे प्राण बड़ा कठिन लागे, पिया ....