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हमरा के मोरंग जाय दऽ हे बबुये के माय / मैथिली लोकगीत

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मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

हमरा के मोरंग जाय दऽ हे बबुये के माय
मोरंग जयबऽ, कतेक दिन रहबऽ
हमरा लय की-की लयऽ हे बबुये के बाप
मोरंग जयबऽ बरिस दिन रहबऽ
तोरो लय सौतिन लयबऽ हे बबुये के माय
हमरा के नैहर जाय दऽ हे बबुये के बाप
नैहर जयबऽ कतेक दिन रहबऽ
हमरा लय की-की लयबऽ हे बबुये के माय
नैहर जयबऽ नौ दिन रहबऽ
नौ टा बेटा जनमयबऽ हे बबुये के बाप
नबो बेटा के मूड़न करबऽ
सब के नौता पठयबऽ हे बबुये के बाप
सब नौतहारिन के डोली-महफा
तोरो के पैदल बजयबऽ हे बबुये के बाप
सब नौतहारिन के तोसक-तकिया
तोरो के भुइयां लोटयबऽ हे बबुये के बाप
सब नोतहारिन के पीरे-पीताम्बर
तोरो के बिष्ठी पहिरयबऽ हे बबुये के बाप
सब नोतहारिन के पूरी-जिलेबी
तोरो के पत्तल चटेबऽ हे बबुये के बाप