Last modified on 30 जून 2014, at 23:47

कौने बाबा जयता आनन्द वन, ओ जे लयता सोना के चरखा हे / मैथिली लोकगीत

Mani Gupta (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:47, 30 जून 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=मैथिली |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह= संस...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

कौने बाबा जयता आनन्द वन, ओ जे लयता सोना के चरखा हे
कोन-कोन दाइ कटती मेही सूत, कोने बाबू होयता ब्राह्मण हे
अपनबाबा जयता आनन्द वन, ओ जे लयता चरखा हे
अपन दाइ मे ही सूत काटती, ओ जे फल्लां बरुआ होयता ब्राह्मण हे