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आंग उघारल झिल्ली झारल / मैथिली लोकगीत
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मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
आंग उघारल झिल्ली झारल
हिरदय लागल कसाय
के पुछलक रे बरुआ, के तोरा कूटल कसाय
अपन बाबा ऐहब आमा, पिउसि कूटल कसाय
एक कोस गेला बाबू दुइ कोस गेला
तेसरे मे मन पछताय
घूरि घर जइतहुँ आमा गोर लगितहुँ
आमा सँ
आमा सऽ लीतहुँ आशीर्वाद
दीअ हे आमा आशीष दीअ
बाबा दीअ जनउआ पहिराय