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परिछन करय हरषि चलू सजनी गे / मैथिली लोकगीत
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मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
परिछन करय हरषि चलू सजनी गे
दुलहा अवध किशोर सजनी गे
जिनकर रूप मन हरलक सजनी गे
जग भरि भेल अति शोर सजनी गे
देखैत फूल सन सुन्दर सजनी गे
तोड़लनि धनुष कठोर सजनी गे
जे विधि सिया निरमाओल सजनी गे
विधना लगाओल जोर सजनी गे
दुलहा परीछि मंडप चलू सजनी गे
देखि देखि चयन विभोर सजनी गे
परिछन चलू हरषि कय सजनी गे
अरीछि परीछि अवध किशोर सजनी गे