भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

लाबा भूजय बैसली बहिनियां / मैथिली लोकगीत

Kavita Kosh से
Mani Gupta (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:30, 1 जुलाई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=मैथिली |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह= बिय...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

लाबा भूजय बैसली बहिनियां
चुलहा दहिनिया हे
हे सुन्दरि मंगल अग्नि पजारल हे
साजी पत्रमे राखल
लाबा पुनि भूजल हे
दुलहिन गृहमे बैसि जे ब्याहन हे
कहय हे सखि सब आनन्द मनाबिय
प्रभु गोहराबिय हे
जुगे-जुगे बढू़ आहिबात
कि अइहब गाबिय हे