भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

बेदिया घुमि-घुमि लाबा छिड़िआबे हे महारानी सिया / मैथिली लोकगीत

Kavita Kosh से
Mani Gupta (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:57, 1 जुलाई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=मैथिली |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह= बिय...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

बेदिया घुमि-घुमि लाबा छिड़िआबे हे महारानी सिया
रघुवर घुमि-घुमि देल हे महारानी सिया
आगू आगू दुलहिन लाबा छिड़िआबे हे महारानी सिया
रघुवर पाछू लागल जाइ हे महारानी सिया
सखि के वचन सुनि प्रेम संग ने लगबियौ हे महारानी सिया
पहिरा दिअनु प्रेमक मालहे महारानी सिया
वेदिया जे घुमि घुमि लाबा छिड़िआबे हे महारानी सिया
उठू उठू आहे सखि लाबा छिड़िआउ हे
दुलहा दुलहिनियां के मड़बा घुमाउ हे
आंचर- चदरिया मे गेठिया बन्हाउ हे
घूमि घूमि सखि सब मंगल गाउ हे
आगू आगू दुलहिन पाछू दुलहा कुमार हे
देखू आब सखि सब फूल बरिसाउ हे
सीता जी के हाथ शोभनि सिन्दुर के पुड़िया हे
छोड़ि देलनि सीया अपन - परार हे
कहथिन गाबि सखि गारि बरिआति हे
दुलहा के माय बहिन बहुत छिनारि हे