मैथिली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
सीता दाइ दुलारी प्रेम के प्यारी
हे अहाँ पूजू गौरी
कहथि सीता दाइ सुनू हे सुनयना
किये लए गौरी हम पूजब
से अहाँ कहिए दीअ ना
जल लीअ फूल लीअ और बेलपत्र लीअ
लाल कमल लीअ हाथ यो
से अहाँ पूजू गौरी
धूप लीअ दीप लीअ और नैवेद लीअ
लाल सिन्दूर लीअ हाथ
हे अहाँ पूजू गौरी
कहथि सीता दाइ सुनू हे सुनयना
किये हम गौरीसँ माँगब
से अहाँ कहिए दीअ ना
सासु ससुर माँगब वीर देओर माँगब
कन्त माँगब श्रीराम
हे अहाँ पूजू गौरी