भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

गारि गाबथि राजदुलारि / मैथिली लोकगीत

Kavita Kosh से
Mani Gupta (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:19, 2 जुलाई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKLokRachna |भाषा=मैथिली |रचनाकार=अज्ञात |संग्रह= बिय...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मैथिली लोकगीत   ♦   रचनाकार: अज्ञात

गारि गाबथि राजदुलारि, जेमथु रामजी लला
सोना के आसन रतन सिंहासन
बैसथु अवधकुमार, जेमथु रामजी लला
जेमय बैसला राम चारू भइया
होयत परस्पर गारि, जेमथ रामजी लला
खाजा हलुआ होयत जिलेबी
ताहि पर सऽ पूआ-पकमान, जेमथु रामजी लला
गारि गाबथि राज दुलारि, जेमथु रामजी लला
रूसथि रघुबर मानथि नाही
राखि लीअ नेह हमार, जेमथु रामजी लला
हीरा मोती लाल जवाहर
सम्पति सकल तोहार, जेमथु रामजी लला
गारि गाबथु राजदुलारि, जेमथु रामजी लला
शोर भयो चहुँओर जनकपुर
साजि चलल नर-नारि, जेमथु रामजी लला
गारि गाबथु राजदुलारि, जेमथु रामजी लला