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तीस / प्रमोद कुमार शर्मा

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अड़ंगो है
बडो भारी पंगो है-
सबद रै रचाव मांय
भाखा रै ब्याव मांय-
बींद नंगो है
बीं रा गाभा किणी उतार लिया
खोसली पगड़ी अर कलंगी छुर्रेवाळी
वो करै राम-राम
बगत
-बेढंगो है
बडो भारी पंगो है।