भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

इठयासी / प्रमोद कुमार शर्मा

Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:38, 3 जुलाई 2014 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रमोद कुमार शर्मा |संग्रह=कारो / ...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

के पढै बेटा!
आं सबदां मांय सत कोनी
गत कोनी बांरी अबै बजार मांय

छेवट तो हाजरी लगावणी है
-दरबार मांय।
इण वास्तै छोड सबद
सामल होज्या व्यौपार मांय।