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बिल्लू का दाख़िला-1 / शुभम श्री
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बिल्लू ने बहुत ज़ोरदार पर्चा लिखा पी० एच० डी० प्रवेश का
“कबिर बरे आलूचक हे
रेनू लीखे है सताइस गो कहनी
नामौर जी कहे है कबीता की नयि परतीमान मे
अगेय जी अमिर आदमि थें
सुक्ल जी परसंसा करते हए दूबेदी जी आलूचना”
अंतिम प्रश्न परेमचंद की सामाजिक चेतना
जिसका बिल्लू ने गर्दा छोड़ाया-
“परेमचंद्र उत्तर परदेस मे जनम लीये थें, उनके बाबूजी का नाम नवाब राय था, उ भुक सें मर गयें थे”
बिल्लू ने बण्टा पीते हुए लल्लन को ललकारा
कलम तोर के लीखे हैं भायजी, अबरी फस किलास टौप रिजल्ट
लेकिन हरामजादा मास्टर अंधरा कोढ़िया
फैल नंबर दे दिया बिटीचो