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अेक सौ छह / प्रमोद कुमार शर्मा

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हुवै जठै सत्संग
कदै-कदास बठै बीजळी रै तारां ऊपर भी
बैठज्यै समाधि मांय आयÓर कोई
-लीलटांस
फांस काटै चौरासी री जूण री
रिसी-महात्मा चरचा करै इण जूनै सूंण री

लोक अरथावै :
लीलटांस रामजी तांई
सनेसो पूगावै अर
-मेटै अड़कांस
सबद
बण'र लीलटांस।