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अेक सौ बाईस / प्रमोद कुमार शर्मा

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मां तूं जूनी भाखा है
-साखा है
परमात्मा री अेक न्यारी-सी
सबदां री ओरण लेयÓर प्यारी-सी

तूं बीकाणै देसनोक बिराजै है
कळजुग में तूं देवी बणÓर
सिव री स्रिस्टी मांय दाझै है

करती अगन सूं सबद रो सिणगार
जिण सूं धोकीज्यै, तीजÓर त्यूंहार
म्हारा अै छंद भी थां तांई
-आखा है
मां तूं जूनी भाखा है।

(श्री करनी माता को समरपित)