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अेक सौ छयांळीस / प्रमोद कुमार शर्मा

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तावड़ै नैं अडीकै
-गा
मां आपणी दिनुगै-दिनुगै गळी मांय
इण मारणजोगी ठंडी बरफ री रळी मांय

सोधै :
खुरां हेटै धरती रो ताप
सांस-सांस करै मंतर-जाप
भाखा यूं तपै
आपनैं कांई ठा
तावड़ै नैं अडीकै गा।