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इकताळीस / प्रमोद कुमार शर्मा

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कमेड़ी भी के कम है
बीं रै भी तो गम है
मेटण चौरासी रा फांसो
बा करै सबद में सांसो
दिनुगै पैली कुरळावै
कदै प्रळय रै दूत / नूह री याद दिरावै
हाय कमेड़ी तूं कितरी जूनी है
पछै भी मायड़ भाखा सूनी है।