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ओ सनेही / त्रिलोचन

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ये दिन न भुला....ना

ओ सनेही


आने को आए

सनेह लगाया

बाती मिलाई

दीया जगाया

बिसर मत जा....ना

ओ सनेही


नीबू के फूले

बेला के फूले

कहीं किसी बारी

में भूले भूले

बिलम मत जा....ना

ओ सनेही ।