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यूरेका / सुधीर सक्सेना

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अगर पानी में छपाक से

कूदता नहीं आर्कीमिडीज़

तो भला कहाँ होता

एथेन्स की सड़कों पर

यूरेका...यूरेका... का शोर


लोग सचमुच भूल गए होते

आर्कीमिडीज़ को


फख्र करो

हर आर्किमिडीज़ पर

जिसने खोजा और पा लिया


नफ़रत करो उससे,

जिसने मार डाला,

अपने भीतर के आर्किमिडीज़ को

और तरस खाओ उस पर

जो बन्द कमरे में या सड़क पर

कभी नहीं चिल्लाया--

यूरेका...यूरेका... !