भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

द्वन्द्व / उंगारेत्ती

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:18, 30 दिसम्बर 2007 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{KKAnooditRachna |रचनाकार=उंगारेत्ती |संग्रह=मत्स्य-परी का गीत / उंगारेत्ती }} [...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: उंगारेत्ती  » संग्रह: मत्स्य-परी का गीत
»  द्वन्द्व


अपने भेड़िए की भूख से

मैं चींथ डालता हूँ अपने मेमने की देह

मैं हूँ एक निस्सहाय नौका

और फुफकारते क्रुद्ध समुद्र की तरह ।