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मरने के बाद भी / दूधनाथ सिंह
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मैं
मरने के बाद भी
याद करूँगा
तुम्हें
तो लो, अभी मरता हूँ
झरता हूँ
जीवन
की
डाल से
निरन्तर
हवा में
तरता हूँ
स्मृतिविहीन करता हूँ
अपने को
तुमसे
हरता हूँ ।