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नीम के फूल / केदारनाथ अग्रवाल

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नीम के फूल

दूध की फुटकियों-से झरे

मुलायम-मुलायम,

कठोर भूमि पर बिखरे;

जैसे कोई

प्यार से शरीर स्पर्श करे,

दुखों से तनी हुई

नसों की थकान हरे ।