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आदमी कहाँ-कहाँ पीड़ित नहीं है / भारत यायावर
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यह बार-बार, हर बार, हर बात
क्यों टिक जाती है
सिर्फ़ रोटी पर ?
यह बार-बार, हर बार, हर रोटी
फैलकर क्यों हो जाती है
एक व्यवस्था ?
यह बार-बार, हर बार, हर व्यवस्था
क्यों हो जाती है एक राक्षस ?
क्यों लील जाती है
लोगों की सुख-सुविधाएँ ?
क्यों लगा दिया जाता है
किसी नए सूरज के उगने पर प्रतिबन्ध ?
आदमी
कहाँ-कहाँ पीड़ित नहीं है ?
अपने होने से
नहीं होने के बीच
आदमी
कहाँ-कहाँ पीड़ित नहीं है ?