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सागर की अनझिप पलको की कोर / इला कुमार

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सागर की अनझिप पलको की कोर
काँपती है
इस शिला की उदग्र उठी हुई नाल के अन्दर
एक कमल दण्ड है
मानों स्वर्ग से आयातित कर
उसे देवताओ ने यहाँ छिपा दिया है
जिस दिन
शब्द आकर ठहरेंगे यहाँ
वे अपूर्णन की परिभाषा को मिटा डालेंगे
तब पृथ्वी उसकी खोज में भटका करेगी ।