भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
तुम कहो / इला कुमार
Kavita Kosh से
					Pratishtha  (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:52, 26 फ़रवरी 2008 का अवतरण
तुम कहो
एक बार 
वही बात
जो मैंने कही नहीं है
तुमने सुनी है
बार बार
वही बात
तुम कहो
	
	