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प्रेम-युद्ध / मदन कश्यप
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अपनी चरम अवस्था में
युद्ध ही होता है प्रेम
एक ऐसी जंग
जिसमे स्त्री जीत कर भी
पराजय के गहरे अहसास में डूब जाती है
और हारा हुआ पुरुष
जीत के भ्रम में उतराता रहता है !