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अभिनंदन / त्रिलोचन

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अभिनंदन

प्रिय वसंत

अभिनंदन


बौर भरी

डाल, हरी

अमराई

अब निखरी

सुरभि-स्नात

पावन तन

पावन मन


पिक पंचम

में थम थम

कूजन रात

यथा नियम

रवी आतप

का प्रति दल

पर नर्तन

(रचना-काल -9-2-62)