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मोटी भूल सिकारो / कन्हैया लाल सेठिया
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आखै भारत में है सगळा
पैंसठ कोड़ निवासी,
भाग आठवों आबादी रो
राजस्थानी वासी,
अतै बडै जनमळ री मायड़
भासा राजस्थानी,
नहीं मानता इण नै दी आ
लोकतंत्र री हाणी,
लाखां में ही गिणती, बां री
भासा नै जद मानी,
म्हां स्यूं कांई बैर, करी थे
इंयां किंयां मनमानी ?
भासा कोनी रमत जकी नै
चावै जिंयां भुजाणी,
आ आतमा रो धरम, देह नै
जिंयां बायरो पाणी,
सुणो बगत रो हेलो मिनखां
मोटी भूल सिकारो,
फेर आठवीं सूची में थे
सावळ करो सुधारो !