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अकथ्य को हमने कहा नहीं / केदारनाथ अग्रवाल

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अकथ्य को हमने कहा नहीं

असत्य को हमने सहा नहीं ।

कथ्य को हमने सँवारा

तब कहा,

सत्य को हमने दुलारा

तब सहा ।