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पद 01 से 10 / कन्हैया लाल सेठिया

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1.
तेल निवड़ बाती बळी
दिवलो सागण ठौड़,
अणसमझां री दीठ में
थित-प्रग नर पळगोड!

2.
नैण सरोवर दीठ जळ
पलकां आडी पाळ,
सपनां रै सैवाळ मे
सांच कंवळ री नाळ !

3.
खेल खेलता हाथ स्यूं
गया रमतियो छूठ,
कद ही माटी सापती
अब के बीं में टूट ?

4.
अगन गगन कानी बगै
पाणी बवै निंवाण,
थिर कर राख्यो जगत नै
आ ही खींचाताण !

5.
आंकां में सूंधी बडी
आखर ओम अपार,
निरगुण सागै गुण बंध्या
साद नाद रै लार !

6.
जिनगानी नित रोगली
माड़ी मौत निरोग,
नैण मुंदया संजोग रा
जागै सदा वियोग !

7.
कती बान बोबो दियो
मा राखै कद याद !
गिणती में पड़ बिसरग्यो
मन अणगिण रो स्वाद !
8.
मोल बतै ही नैण रो
पलकां जतै अडीक,
पीव मिल्यां मन नै पछै
के नैणां री पीक ?

9.
दूध बण्यो जम कर दही
दही बिलोयां घीव,
कारण स्यूं किरिया बंधी
परमेसर स्यूं जीव !

10.
सूरज भोभर, न्यावड़ो-
अंतहीण गिगनार,
रच माटी रा रमतिया
नाखै काळ कुुमार !