भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

चिमतकार! / कन्हैया लाल सेठिया

Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 07:19, 24 जनवरी 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कन्हैया लाल सेठिया |अनुवादक= |संग...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

बुढ्ढै आभै री
आंख रा गीड
धरती रा बादळ,
खींवती बिजळही
डोकरै री
चिलम री लपट,
धोळा ओळा
खंखार रा डचका,
अवधूतां रो
सुगलवाड़ो
माटी रो वरदान,
 इण रो ही नांव
चिमतकार
करै निमसकार
बापड़ी आखी,
जीवा जूण !