बघेली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
महाराजा हो खोला केमार
भींजइ कुसुम रंग चुनर
अरे ठाढ़ी रही तो भीजइ चुनरिया
लौटउं तौ टूटे सनेह
राजा खोलउ केमार
भींजइं हमारी चुनरिया
महाराजा हो खोला केमार
भींजइ कुसुम रंग चुनर
अरे ठाढ़ी रही तो भीजइ चुनरिया
लौटउं तौ टूटे सनेह
राजा खोलउ केमार
भींजइं हमारी चुनरिया