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खैरा सुपारी लौंग कारी / बघेली
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बघेली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
खैरा सुपारी लौंग कारी
सपनेउ मा सतावइ
सपनेउ मा सतावै तुम्हार यारी
सपनेउ मा सतावै