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चानीके रूपैया / चन्द्रमणि

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कोन बेदर्दी चोराय लेलक दइया।
खोंइछामे धएने छलौं चानीके रूपइया।
नइहरमे अरजल धन रखलौं जोगाकऽ
सासुरमे अबिते से लऽ गेल चोराकऽ
चौल करय ननदि आ‘ देयर कसइया।।
खोंइछा.....

छलियै जुआन मुदा दुलहनि नवेली
चोरि भेलै पहिले दिन ससुरक हवेली
कोन आंखि गरलै जे भेलै बलइया।।
खोंइछा

मिसियो भरि दोख नहि केलियै गे संगी
जकरे भरोस केलौं निकलल दूरंगी
हंसि-हंसिकऽ धएलक से कोमल कलइया।।
खोंइछा...

ई कोन पिरीत रीत दै छै जे सोग
ककरो जोगाएल धन दोसर के भोग
पिया निनबासरिमे लूढ़ल रूपइया।।
खोंइछा