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बड़ अजगुत / चन्द्रमणि

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दाइ गे ! बड़ अजगुत खाइत देखलौं फुलवाड़ी में
साँय-बहु एक्कहि थारीमे-2।।
जकरा जतेक पैघ पुरूषारथ
से ततबे मउगी लग आरत
साँय सिर झुकाकऽ मानै बात
से मउगी मारै धरती लात
देखलौं मउगीके मसलंग पर फाँक केबाड़ीमे
साँय सूतल गोरथारीमे।।
मनसा भोरे भोर तबाह
बनबै घरवाली ले’ चाह
घरवाली जा रूप सजाबै
मनसा चिल्हकाके खेलाबै
देखलौं मनसाके बेलना चलबैत सुहारीमे
मउगी मोटरगाड़ीमे।।
मियां भरिदिन टहल बजाबै
देह मुदा बीबी जतबाबै
बीबी हाकिम मियां निठल्लू
बीबी लछमी मियांजी उल्लू
देखलौं सबटा कुर्सी जाकऽ सटि गेल नारीमे
मरदक जिनगी साड़ीमे।।