मन की इस धरती पर ग्लोबल-वार्मिंग के बाद
प्रकट होता है ग्लेशियर
जिससे निकलते हैं
प्रेम उमंग अनुभूतियाँ
और इस तरह मौसम बदलता रहता है
लेकिन इस बदलाव के
टाइम स्केल का रखना पढता है ध्यान
क्योकि हर बार ग्लेशियर से निकले पदार्थ
प्रेम उमंग अनुभूतियों का
नए तरीको से होता है प्रादुर्भाव