समय क्षण-भर थमा सा :
फिर तौल डैने
उड़ गया पंछी क्षितिज की ओर :
मद्धिम लालिमा ढरकी अलक्षित ।
तिरोहित हो चली ही थी कि सहसा
फूट तारे ने कहा : रे समय,
- तू थक गया क्या ?
रात का संगीत फिर
तिरने लगा आकाश में ।
समय क्षण-भर थमा सा :
फिर तौल डैने
उड़ गया पंछी क्षितिज की ओर :
मद्धिम लालिमा ढरकी अलक्षित ।
तिरोहित हो चली ही थी कि सहसा
फूट तारे ने कहा : रे समय,
रात का संगीत फिर
तिरने लगा आकाश में ।