Last modified on 4 मई 2015, at 15:55

काळ / निशान्त

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:55, 4 मई 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=निशान्त |संग्रह=धंवर पछै सूरज / नि...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

पिछलै साल
कम लागी-
निमां रै निमोळ्यां
कीकरां रै पातड़ियां
काकड़िया-मतिरियां
री नास्त हुगी

अबकाळै कई दिनां सूं
देखूं-
लागण नी लागर्यो
कठैई कोई
सैत-माखियां रो छातो

कांई ईयां ईं
गायब हुवंती जासी
आपणै बिचाळै सूं
आच्छी अर
मीठी चीजां।