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वह / रामदरश मिश्र

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बजबजाती हवाओं के बीच
कच्ची दीवार की टूटी छाया
उसके तले
उसी तरह बैठा हुआ वह....
उसके साथ एक कुत्ता, एक बकरी
और उसका साया।

सामने के राजमार्ग से
बार-बार गुजरते
हाथी-घोड़ों के जुलूस की
वह जय बोलता है।