भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मेरी सबसे अच्छी कविता / माशा कालेको

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:48, 14 जुलाई 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=माशा कालेको |अनुवादक=प्रतिभा उपा...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मेरी सबसे अच्छी कविता ?
वह तो मैंने कभी लिखी ही नहीं |
वह ह्रदय के अन्तरतम से उठी
और मैं ख़ामोश हो गई I

मूल जर्मन से अनुवाद : प्रतिभा उपाध्याय