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भालू बोला / तारादत्त निर्विरोध
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कहा शेर ने हम तो हम हैं
और दूसरे कम
जंगल के राजा से ज़्यादा
नहीं किसी से कम ।
भालू बोला, पिंजरे में यदि
बंद हो गए तुम
राजाजी तब कहाँ रहोगे ?
कहाँ रहेगा दम ।।