भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
लाल टमाटर, हरे टमाटर / हरि मृदुल
Kavita Kosh से
Anupama Pathak (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 04:24, 30 सितम्बर 2015 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हरि मृदुल |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatBaalKa...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
लाल टमाटर, हरे टमाटर
सभी टमाटर गोल,
कितने रुपए किलो टमाटर
भैया, जल्दी बोल।
लाल टमाटर, हरे टमाटर
कितने लेने मोल,
अच्छे-ताजे, नए टमाटर
अपना थैला खोल।
लाल टमाटर, हरे टमाटर
एक किलो दे तोल,
लेकिन सब थे सड़े टमाटर
खुली अचानक पोल!