मोटा मेढक एक सड़क पर,
कहता जाता था टर-टर-टर!
शाम हुई घिर रहा अँधेरा,
बारह मील गाँव है मेरा,
घर तक नहीं पहुँच पाऊँगा!
रस्ते में ही लुट जाऊँगा!
मोटा मेढक एक सड़क पर,
कहता जाता था टर-टर-टर!
शाम हुई घिर रहा अँधेरा,
बारह मील गाँव है मेरा,
घर तक नहीं पहुँच पाऊँगा!
रस्ते में ही लुट जाऊँगा!